देहरादून। उत्तराखंड में वन विभाग के आईएफएस अधिकारियों को पद मुक्त किया गया है। सरकार ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पदमुक्त किया है। विनोद कुमार नए पीसीसीएफ बनाया गया है, जबकि राजीव भरतरी को जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने 29 अन्य वनाधिकारियों के तबादले भी किए हैं।
कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान और नियम विरुद्ध निर्माण को लेकर तीन आईएफएस पर भी एक्शन लिया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हुए प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव अनूप मलिक और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग तत्काल प्रभाव से पदों से हटाए गए हैं।
सरकार ने प्रशासनिक चूक और अनियमितताएं पाते हुए वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी को ही हटा दिया है। ये पहला मौका है जब राज्य में किसी फारेस्ट चीफ को इस तरह से हटाया गया है। पीसीसीएफ विनोद कुमार सिंघल को उनकी जगह नया हैड आफ फारेस्ट फोर्स (हाफ) बनाया गया है। इसके अलावा पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ अनूप मलिक, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग और डीएफओ कालागढ़ किशन चंद को भी उनके पदों से हटा दिया है।
सुहाग की जगह डा. पराध मधुकर धकाते को राज्य के नए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन का चार्ज दिया गया है। हॉफ के बाद वन विभाग में ये सबसे अहम पद है। कार्बेट नेशनल पार्क के कौलागढ़ डिवीजन में पाखरो टाइगर सफारी के लिए वहां तमाम तरह के निर्माण और पेड़ों का कटान किया गया। जिसे नियम विरुद्ध बताते हुए कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने एनटीसीए में शिकायत की थी। जिसके बाद एनटीसीए की टीम ने निरीक्षण कर इस मामले में प्रशासनिक नियंत्रण में भारी चूक और कामों में अनियमितता की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी। जिसमें सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए भी कहा गया था।