1 Aug 2025, Fri

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिला जुला असर रहा 

देहरादून। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर श्रमिक विरोधी कानून, वेतन समझौता, पुरानी पेंशन बहाल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीयकृत बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम समेत अन्य बीमा कंपनियों का काम काफी हद तक प्रभावित रहा। ठेका श्रमिक, संविदा, आउटसोर्स कर्मियों को समान काम का समान वेतन, मजदूरों को न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये देने, वेज एक्ट वापस लिए जाने जैसी दर्जनभर मांगों के समर्थन में देशभर की ट्रेड यूनियनों से जुड़े कर्मचारी आज हड़ताल पर रहे। हड़ताल से बैंकों, बीमा कंपनियों, आयकर, समेत केंद्र व राज्य सरकार के तमाम सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ है। देहरादून में आज परेड ग्राउंड में ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। एस्लेहॉल स्थित पीएनबी बैंक के सामने कर्मचारियों का द्वारा प्रदर्शन किया गया। यहां गांधी पार्क के सामने सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वहीं भारत बंद के चलते घंटाघर के पास इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों ने भी प्रदर्शन किया।
हरिद्वार में ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। यहां बैंक कर्मचारी भी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। चंद्राचार्य चैक पर ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने रैली निकाली। भेल में हड़ताल कर कर्मियों ने सड़क पर रैली निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया। हल्द्वानी के बुद्धापार्क में ट्रेड यूनियनों के साझा मंच द्वारा आयोजित धरने पर बैठे विभिन्न संगठनों के लोग बैठे। रुद्रपुर में किसानों ने भारत बंद के आह्वान पर मलसी गांव में प्रदर्शन किया और गन्ने की ट्रॉली रोकी। ट्रेड यूनियन के आह्वान पर मजदूर संगठनों और आशा कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। सीटू के सचिव लेखराज ने बताया कि एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को छात्रों, युवाओं समेत तमाम सरकारी विभागों ने समर्थन दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव राजेंद्र पुरोहित ने कहा कि देशव्यापी हड़ताल महंगाई, बेरोजगारी व सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ है।
उत्तराखंड मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ने भी विभिन्न ट्रेड यूनियनों की ओर से आयोजित देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया। ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल का ऋषिकेश में मिलाजुला असर देखने को मिला। यहां भी पूरी तरह कार्य प्रभावित रहा। ऊर्जा निगम कर्मचारी संघ अभियंता संघ के बैनर तले अधिकारी और कर्मचारी शाम पांच बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेे। इन सभी ने डिविजन कार्यालय में एकत्र होकर केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। हड़ताल के चलते कुछ बैंकों में सुबह से ही ताले लटके रहे, जिसके कारण उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।  बैंक एंप्लॉइज यूनियन के जिला सचिव मयंक गुप्ता और उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन के प्रदेश महासचिव अशोक वर्मा ने कहा कि देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। निजीकरण के कारण श्रमिकों की नौकरियां जा रही है। सरकार समान कार्य समान वेतन के आदेश को लागू नहीं कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार भी निशाना साधा। कहा, नीतियां भी औद्योगिकरण के खिलाफ है, जिससे पूरी तरह माहौल श्रमिकों के विरोध में जा रहा है। हड़ताल के कारण पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, देना बैंक, जहां बंद रहे। वहीं, हाइड्रो इलेक्ट्रिक एसोसिएशन के कर्मचारी भी काम से विरक्त रहें। तीर्थ नगरी की मोबाइल की दुकानें भी बन रही। संयुक्त ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल को रोडवेज कर्मियों ने भी समर्थन दिया है, लेकिन बसों का संचालन सुचारू रखा।

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