देहरादून। भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्धारा आज जो बयान जारी किया गया है उसने कांग्रेस की खुद ही पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कांग्रेस केवल जानबूझकर अफरातफरी के लिए लोगों को भड़का रही है दुर्भाग्य है कि कांग्रेस का प्रत्येक बयान कोविड-19 के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल को तोड़ने की नसीहत देता है। पहले कहते रहे हैं कि प्रवासियों को लाने का रजिस्ट्रेशन नहीं है और अपने तथाकथित ऐप का प्रचार प्रसार करने में लगे रहे परंतु सरकार के पुख्ता इंतजाम के चलते पौने दो लाख प्रवासियों ने पंजीकरण करवाया जबकि कांग्रेश 15-20 हजार का आंकड़ा बता रही थी।
यहां भी कांग्रेश औंधे मुंह गिरी अफसोसजनक स्थिति यह है कि कांग्रेस कोविड-19 महामारी के समय प्रवासी लोगों को लाने ले जाने के काम को साधारण समय में होने वाले आवागमन की तरह पेश करती रही है इतनी जिम्मेदारी समझ भी नहीं दिखाई कि इस महामारी में एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर ेवच तथा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए दोनों राज्य वाध्य है अर्थात जहां से प्रवासियों को आना है और जहां जाना है इतना ही नहीं सामाजिक दूरी के मानकों के दृष्टिगत ट्रेनों एवं बसों मेंउनकी मानक अक्षमता से एक किया या उससे भी कम लोग ही आ जा सकते हैं उदाहरण के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए लगभग 1250 से लोगों को लाया जा सकता है इसी क्रम में आज पुणे महाराष्ट्र से हरिद्वार के लिए 1264 प्रवासी ट्रेन से रवाना किए गए कांग्रेस को यह भी मालूम होना चाहिए कि पुणे पुलिस ने उत्तराखंड के प्रवासियों का ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन मेडिकल जांच इत्यादि के लिए इसलिए मना कर दिया था क्योंकि इसके लिए प्रवासियों को समूह में होने की शर्त रखी गई थी जबकि अधिकांश उत्तराखंड के प्रवासी समूह मैं ना होकर अलग अलग रहे हैं इसलिए पुलिस को जांच कराने में कठिनाई हो रही थी और अधिकारियों के बहुत परिश्रम के बाद 1264 प्रवासियों को क्लीयरेंस मिल सकी और 1200 से कम पर स्पेशल ट्रेन नहीं चल सकती थी शायद कांग्रेस को ही मालूम नहीं है कि हजारों हजार लोगों को उत्तराखंड के एक जिले से दूसरे जिले में भिजवाने का काम भी उत्तराखंड सरकार अभी तक करा चुकी है तथा लगभग 25000 प्रवासियों को भी उत्तराखंड ला चुकी है इतना ही नहीं जिन प्रवासियों को उत्तराखंड में लाया गया है उनके घरों को भेजने का काम भी सरकार ही कर रही है ऐसे में परिवहन सुविधाओं बसों की कमी होना स्वाभाविक है मुंबई दिल्ली आदि अनेकों बड़े शहरों से विशेष रेलगाड़ियों चलाने की व्यवस्था भी कराई जा रही है फिर भी कांग्रेस को समझ नहीं आ रहा है यहां तक कि सोनिया गांधी किचन चलाने की नौटंकी उत्तराखंड में औंधे मुंह गिरी खुद कुछ करने की सोच नहीं और क्षमताएं है नहीं, इसलिए प्रदेश सरकार को नसीहत देना बंद करें उत्तराखंड सरकार ने जिस प्रभावी तरीकों से कोविड-19 को नियंत्रित किया और राहत कार्य चला रही है उसकी सराहना पूरे देश में हो रही है इतना ही नहीं प्रदेश सरकार पर प्रवासियों के पुर्नवास के लिए भी के पुनर्वास के लिए भी अनेक योजनाएं तैयार कर रही है जिस पर मंत्रिमंडल की उपसमिति तेजी से काम कर रही है।गरीब कल्याण की दृष्टि से 3 माह का कंट्रोल राशन एडवांस 5 किलो प्रति व्यक्ति, मुफ्तउज्वला की फ्री गैस, जनधन खाता धारक महिलाओं को रू 500 प्रति माह, 3 माह की वृद्धावस्था पेंशन एवं दिव्यांग पेंशन एडवांस किसान सम्मान निधि बहुत सस्ती दालें तथा 1 किलो दाल मुक्त जैसी अनगिनत योजनाएं चलाई जा रही है शायद इसलिए कांग्रेस बौखलाई हुई है कांग्रेश उपरोक्त विषयक पर अपने दुष्प्रचार के लिए उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए।