देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में वर्ष 2024-25 के लिए 89,230 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत किया गया जो पिछले वर्ष से 15.27 प्रतिशत अधिक है। पांच दिवसीय बजट सत्र का दूसरा दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। पिछले वर्षों की परंपरा को तोड़ते हुए इस वर्ष भोजन अवकाश के पूर्व ही बजट सदन में प्रस्तुत किया गया। इस साल का बजट राज्य के किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है। बजट में राज्य के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

नवाचार के तहत ई-विधानसभा एप्लीकेशन को 31 करोड, राजस्व अभिलेखों के डिजिटाइजेशन को 50 करोड़, खनन सर्विलांस को 25 करोड़, व्हीकल टेस्टिंग सेंटर निर्माण को 20 करोड़, जिलों में केंद्रीकृत रिकार्ड रूम बनाने को 13 करोड़, 10 जिलों में विज्ञान प्रौद्योगिकी इनोवेशन केंद्र निर्माण को 10 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में गरीब कल्याण के दृष्टिगत समाज कल्याण में 2756 करोड़, अनुसूचित जाति कल्याण मेें 2184 करोड़ और जनजाति कल्याण कल्याण में 718 करोड़ की राशि का प्रविधान किया है। इसमें गरीबों के लिए आवास को 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति को 600 करोड़ और निश्शुल्क गैस रीफिल को 55 करोड़ की राशि शामिल है।

युवा कल्याण पर सरकार 1679 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बजट में युवा कल्याण व खेलकूद के लिए 534 करोड़, तकनीकी शिक्षा में 321 करोड़ और उच्च शिक्षा में 824 करोड़ की राशि शामिल है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान रखा गया है। खेल महाकुंभ के लिए 27 करोड़ समेत अन्य योजनाओं को बजट रखा गया है।

बजट में कृषि के लिए 2415 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसके तीन हिस्सों में कृषि विभाग की ग्रांट 1045 करोड़, उद्यान विभाग की 578 करोड़ और पशुपालन विभाग की ग्रांट 791 करोड़ रुपये होगी। बजट में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, एप्पल मिशन, किसान पेंशन, मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान दिया गया है।

महिला सशक्तीकरण के दृष्टिगत नए वित्तीय वर्ष में जेंडर बजट में 14538 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया है। इसमें महिला कल्याण विभाग के लिए प्रविधानित बजट 574 करोड़ है। साथ ही नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेरी विकास जैसी योजनाओं के लिए बजट रखा गया है।

सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए 15376 करोड़ का बजट प्रविधानित किया है। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 1010 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 500 करोड़, हेल्थ सिस्टमस डेवपलमेंट में 105 करोड़, आयुष मिशन में 96 करोड़, कक्षा एक से आठ तक विद्यार्थियों को निश्शुल्क यूनिफार्म व बैग को 25 करोड़ का बजट प्रविधान शामिल है।

आर्थिकी के साथ पारिस्थितिकी का भी ध्यान सरकार ने बजट में रखा है। इसके लिए तमाम योजनाओं में 468 करोड़ का बजट प्रविधानित है। इसमें कैंपा में 343 करोड़, जलवायु परिवर्तन शमन को 55 करोड़, सारा को 50 करोड़, सार्वजनिक वनों के सृजन को 10 करोड़, ईवी चार्जिंग ढांचे के निर्माण को 10 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने 426 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मेगा इंडस्ट्रियल एवं मेगा टेक्सटाइल नीति, स्टार्ट अप, सेंट्रल इस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलाजी के लिए भी बजट प्रविधान किए गए हैं। इससे राज्य में वृहद पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

पर्यटन विकास के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधा निर्माण के लिए 100 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रविधान किया गया है। इसमें मानसखंड मंदिर माला मिशन को 50 करोड़, नवीन पर्यटक स्थलों और वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 25-25 करोड़ दिए जाएंगे। फिल्म विकास परिषद के लिए 11 करोड़ और राज्य उड़ा योजना टापअप में 10 करोड़ का प्रविधान किया गया है।

अवसरंचना विकास के दृष्टिगत पूंजीगत परिव्यय को सरकार ने 13780 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसमें ग्राम्य विकास का पूंजीगत व्यय 1499 करोड़ और लोनिवि का पूंजीगत व्यय 1404 करोड़ व अनुरक्षण व्यय 917 करोड़ है। पीएमजीएवाई का पूंजीगत व्यय हजार करोड़ रखा गया है, जबकि शहरी विकास, यूकाडा, पर्यटन, आवास, एसएस-एसटी आदि का पूंजीगत व्यय शामिल है।

शहरी क्षेत्रों को निखारने के लिए बजट में 2565 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया है। इसमें नगरीय अवस्थापना सुदृढ़ीकरण को एडीबी से 150 करोड़, हल्द्वानी व अन्य शहरों के लिए 109 करोड़, पेयजल व जलोत्सारण योजनाओं के लिए 200 करोड़, ग्रीन फील्ड व ब्राउन फील्ड सिटी निर्माण को 20 करोड़ और गैरसैंण में अवस्थापन कार्य के लिए 20 करोड़ का बजट प्रविधान भी शामिल है।

गांवों के विकास को भी सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा है। बजट में ग्राम्य विकास के लिए 2910 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम, पंचायत भवनों का निर्माण, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना समेत अन्य योजनाएं रखी गई हैं।

गरीब, युवा, महिला और किसान आधारित बजट : सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में प्रस्तुत बजट को समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने विकसित भारत के चार स्तंभ, गरीब, युवा, महिला और किसान बताए हैं और हमारी सरकार द्वारा आज प्रस्तुत बजट इन्हीं को समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त उत्तराखंड के लिए हमारी सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है। औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने 30 से अधिक नीतियां बनाई हैं और इसके सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आर्थिक विकास की दर वर्ष 2022-23 में 7.63 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में भी लगभग यही दर अनुमानित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय में 12 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 60 हजार 201 रूपए रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार प्रदेश के 9 लाख 17 हजार 299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।