देहरादून।  उत्तराखंड में अब सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को फिर से सेवा में नहीं लिया जाएगा।  सरकार ने विभागों में पुनर्नियुक्ति देने या अनुबंध के आधार पर कार्मिकों को रखने पर रोक लगा दी है। विभाग में  किसी सेवानिवृत्त कार्मिक  की तैनाती  किया जाना आवश्यक है, तो संबंधित विभाग को यह लिखकर देना होगा कि विभाग में पद को धारण करने वाला कोई योग्य व्यक्ति नहीं है। पदोन्नति में इस तरह के प्रमाण पत्र को भी परखा जाएगा और इस तरह के अक्षम अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भी विचार किया जाएगा।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश के मुताबिक विभागों में पुर्ननियुक्त किए गए अधिकारी छह माह से लेकर एक साल के अंदर-अंदर विभाग के अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।

जिन विभागों में सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से अधिक है, वहां किसी भी सूरत में पुनर्नियुक्ति नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि कार्मिक और सर्तकता विभाग की सहमति के बिना की गई पुनर्नियुक्ति को गंभीर कदाचार माना जाएगा और ऐेसे मामलों में पुर्ननियुक्त अधिकारी का वेतन रोका जाएगा।