देहरादून । राज्य कर विभाग ने बुधवार को उत्तराखंड के कई शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। राज्य कर आयुक्त के निर्देशों पर गठित टीमों ने देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर स्थित फर्मों पर कार्यवाई की है।

ऑयल का व्यवसाय कर रही 12 फर्मों के 16 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में जांच में पाया गया कि इन फर्मों द्वारा कुल 12 करोड़ से ऊपर की जीएसटी चोरी की है। इन फर्मों द्वारा अपने व्यापार से संबंधित फर्जी संव्यवहारों को छिपाने के लिए बिल टू शिप टू का मोड्यूल का सहारा लिया जा रहा था।

इन फर्मों के ई-वे बिल में प्रयुक्त वाहनों की जांच में पाया गया कि वे ई-वे बिल बनाए जाने की तिथियों के दौरान ई-वे बिल में प्रदर्शित स्थलों के मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को पार ही नहीं किया गया। जबकि उन्हीं तिथियों के दौरान किसी अन्य स्थल के टोल प्लाजा को पार कर रहे थे। इन फर्मों के सप्लायर फर्मों की बैकवॉड चैन की जांच करने पर यह पाया गया कि ये सप्लायर फर्म या तो अस्तित्वहीन हैं व विभाग द्वारा पंजीयकरण निरस्त किया गया है। इन में से कुछ फर्म ऐसे माल की ट्रेडिंग दिखा रही थीं, जिनको उनके द्वारा कभी खरीदा ही नहीं गया था। इन फर्मों द्वारा ऐसा विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) से किया जा रहा था।

कर विभाग की छापेमारी की कार्यवाई बुधवार देर रात तक चली। इस दौरान टीम ने अभिलेख, लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन जब्त कर लिए। इन फर्मों द्वारा जांच के दौरान ही 1.13 करोड़ रुपये जीएसटी मौके पर ही जमा भी करा दी गई है। कार्यवाही में कुल 16 टीमें गठित करते हुए 60 अधिकारियों को सम्मिलित किया गया था।