देहरादून। उत्तराखंड में पहली बार उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण की रियल टाइम मानिटरिंग करने जा रहा है। इसकी शुरुआत दून यूनिवर्सिटी में रियल टाइम मानिटरिंग स्टेशन स्थापित कर की गई है। ताकि वायु गुणवत्ता की औसत स्थिति का आकलन किया जा सके। स्टेशन की लागत करीब ढाई करोड़ रुपये है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के मुताबिक रियल टाइम मानिटरिंग स्टेशन से हर 15 मिनट के अंतराल पर हवा की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। इसके आंकड़े भी एयर क्वालिटी इंडेक्स के साथ लाइव प्रसारित किए जाएंगे। वायु प्रदूषण के आंकड़ों को देहरादून स्मार्ट सिटी कंपनी के विभिन्न स्मार्ट पोल पर प्रदर्शित किया जाएगा। घंटाघर क्षेत्र में समेत करीब 55 पोल को आंकड़े प्रदर्शित करने के लिए चिह्नित किया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम से भी स्थान मांगे जा रहे हैं।
बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि वायु गुणवत्ता की जांच के लिए दून यूनिवर्सिटी का सहयोग लिया जा रहा है। दून यूनिवर्सिटी क्षेत्र में भी प्रदूषण के आंकड़े प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में दो स्टेशन और स्थापित किए जाएंगे। अब तक बोर्ड के दून में तीन मैनुअल स्टेशन (घंटाघर, सर्वे चौक व नेहरू कालोनी में) की स्थापित थे। अब रियल टाइम मानिटरिंग स्टेशन भी शहर के हिस्से में आ गया है। दून यूनिवर्सिटी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता ठीक बोर्ड ने दून यूनिवर्सिटी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता की जांच की। यहां पीएम-2.5 का स्तर 58 पाया गया। जो कि 24 घंटे के अंतराल में अधिकतम 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। लिहाजा, यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) संतोषजनक श्रेणी में 97 पाया गया। हालांकि, घंटाघर, आइएसबीटी आदि क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता का पीएम मानक से अधिक है। रिस्पना व बिंदाल के पानी की दशा खराब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब स्मार्ट पोल पर रिस्पना-बिंदाल व सुसवा नदी के पानी की गुणवत्ता भी प्रदर्शित करेगा।