30 Jun 2025, Mon

देहरादून।  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार एवं नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकारों व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड के सुनियोजित विकास पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में भागीदार की भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार की विकास से संबंधित हर सम्भव सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर राज्य सरकार के पक्ष पर नीति आयोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों से बात करेगा। डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सेक्टरवार प्लान व समग्र प्लान बनाया जाए। उत्तराखण्ड में जिलावार एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) निर्धारित करने को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किए जाने के साथ इनकी लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए उत्तराखण्ड का GST कम्पनसेशन वर्ष 2022 के बाद भी जारी रखने के साथ ही केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पापुलेशन शामिल किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में एक और AIIMS की स्थापना किए जाने के साथ ही लखवाड़ व्यासी परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, सौंग बांध सहित राज्य सरकार के विभिन्न प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी दिलाए जाने में सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार को जीएसटी में राज्य को हो रहे नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने मांग की कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था को 2022 के बाद भी जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग केंद्र के सामने राज्य की स्थिति रखे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पापुलेशन को भी शामिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य में करोड़ों की संख्या में फ्लॉटिंग पॉपुलेशन आती है। लेकिन इसके बदले केंद्र से सहयोग नहीं मिल पाता। बैठक से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग उपाध्यक्ष और उनकी टीम का राज्य में स्वागत करते हुए कहा कि नौ नवम्बर को उत्तराखण्ड 21 वर्ष का होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने हमें लक्ष्य दिया है कि राज्य के 25 वर्ष का होने तक उत्तराखंड को आदर्श विकसित राज्य बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य मिलकर राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास और अंत्योदय हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब तक समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकार और प्रशासन पहुंच नहीं जाते हम चैन से नहीं बैठेंगे। विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में आयोग मददगार की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की हर जरूरत को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। शनिवार को सचिवालय सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री व राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में आयोग मददगार की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की हर जरूरत को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। शनिवार को सचिवालय सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री व राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

अफसरों ने सरकार जरूरतों को नीति आयोग के सामने रखा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि आयोग राज्य के विकास में मददगार की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के पक्ष को पूरी मजबूती के साथ केंद्र के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर राज्य के पक्ष को लेकर नीति आयोग केंद्रीय मंत्रालयों से बात करेगा।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे भी इस संदर्भ में मंत्रालयों में संपर्क बनाएं। उन्होंने राज्य के विकास के लिए सेक्टर वार समग्र प्लान बनाने के साथ ही जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने को कहा। महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान देने और मॉनीटरिंग पर भी उन्होंने जोर दिया। उन्होंने निवेश को धरातल पर उतारने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाने को कहा।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में आयोग मददगार की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की हर जरूरत को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। शनिवार को सचिवालय सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री व राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर

अफसरों ने सरकार जरूरतों को नीति आयोग के सामने रखा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि आयोग राज्य के विकास में मददगार की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के पक्ष को पूरी मजबूती के साथ केंद्र के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर राज्य के पक्ष को लेकर नीति आयोग केंद्रीय मंत्रालयों से बात करेगा।

उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे भी इस संदर्भ में मंत्रालयों में संपर्क बनाएं। उन्होंने राज्य के विकास के लिए सेक्टर वार समग्र प्लान बनाने के साथ ही जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने को कहा। महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान देने और मॉनीटरिंग पर भी उन्होंने जोर दिया। उन्होंने निवेश को धरातल पर उतारने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाने को कहा।

प्रस्तुतीकरण को सुनने के बाद कहा कि फोरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल किये जाने की जरूरत है। इस संबंध में राज्य सरकार के जो भी सुझाव हैं नीति आयोग को दिए जाएं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र से बात की जाऐगी। उन्होंने नेशनल पार्को में हाथियों और टाईगर की संख्या में बढोतरी को देखते हुए इनकी क्षमता बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की।

डॉ राजीव पाल ने आर्गेनिक फार्मिंग के साथ ही नेचुरल फार्मिंग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। प्रत्येक ब्लॉक में एक गांव के प्राकृतिक कृषि के लिए समर्पित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के लिए बेहतर शिक्षण संस्थाएं तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्य को नदियों के पुनर्जीवन के लिए नमामि गंगे से राज्य को सहायता के प्रयास करेगा।

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