टिहरी। प्रदेश सरकार की ओर से सिद्धपीठ चंद्रबदनी मंदिर को प्रस्तावित श्राइन बोर्ड में शामिल किए जाने का मंदिर समिति कड़ा विरोध किया है। सरकार के फैसले से गुस्साए मंदिर कार्यकारिणी समिति सहित तथा पुजारी-पुरोहित वर्ग ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर रोष जताया। मंदिर समिति ने श्राइन बोर्ड के विरोध में सिद्धपीठ चंद्रबदनी मंदिर के कपाट सांकेतिक तौर पर बन्द भी रखे।
उत्तराखंड सरकार के प्रस्तावित श्राइन बोर्ड में चंद्रबदनी मंदिर को शामिल किए जाने के विरोध में रविवार को चंद्रबदनी मन्दिर के पुरोहितों, पुजारी वर्ग व हक हकूकधारियों ने सरकार के प्रति भारी आक्रोश जताते हुए मन्दिर पार्किंग में मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर विरोध जताया। मंदिर पुरोहितों पुजारी वर्ग का कहना है कि बिना प्रबंध समिति पुरोहितों व पुजारी वर्ग को सूचित किए आनन-फानन में चंद्रबदनी मंदिर को बोर्ड के अधीन किया गया है, जो कि न्याय संगत नहीं है। मन्दिर समिति प्रबंधक दुर्गा प्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि सरकार चंद्रबदनी मंदिर के अधिग्रहण को वापस नहीं लेती है तो सभी पुरोहित एवं पुजारी आंदोलित होकर कोर्ट की शरण में जाने को बाध्य होंगे। हक-हकूकधारियों ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए मंदिर को जबरन श्राइन बोर्ड में शामिल किए जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। विरोध जताने वालों में मुख्य पुजारी व मंदिर समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पं. शक्ति प्रसाद भट्ट, जगदंबा प्रसाद भट्ट, शिव प्रसाद भट्ट, इंदुभूषण भट्ट, केशवानंद सेमल्टी, महादेव प्रसाद भट्ट, दिनेश प्रसाद भट्ट, मोती प्रसाद भट्ट, शिव प्रसाद भट्ट, ज्योति प्रसाद भट्ट, सीताराम भट्ट, हरीश भट्ट, ज्योति प्रसाद भट्ट, अपूर्वानंद भट्ट, चंडी प्रसाद भट्ट, सुनील चंद्र भट्ट आदि मौजूद रहे।