30 Jun 2025, Mon

मन की बात में पीएम ने उत्तराखण्ड में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण पर सराहना की

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सीएम आवास में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संबोधित मन की बात को सुना। इस दौरान प्रधानमंत्री  ने उत्तराखण्ड में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण की प्रथम डोज लगाने पर उत्तराखण्ड सरकार की सराहना की।

मन की बात में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बागेश्वर जिले की हेल्थ वर्कर  पूनम नौटियाल से बात की। इस दौरान पूनम ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र में लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया तथा एक दिन में पर्वतीय क्षेत्रों में 8 से 10 किमी की दूरी तय कर कोविड टीकाकरण किया।

कोरोना काल में बेहतर काम करने वाली बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में जमकर तारीफ की। वैक्सीनेशन में आ परेशानी से लेकर अन्य समस्याओं पर 15 मिनट तक बात की। पीएम से बात करने के बाद भी पूनम को यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है।

कोरोना टीका लगाने के लिए पूनम ने पांच से सात किमी रोजाना पैदल दूरी नापी। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को भी जागरूक किया, जो वैक्सीन लगाने के लिए एकदम तैयार नहीं हो रहे थे। चामी में तैनात एएनएम पूनम ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया। उन्होंने कहा कि आभी आधे घंटे में प्रधानमंत्री आपसे बात करेंगे। इसके बाद में घबरा गई।
मुझे लगा कि मुझसे कोई बड़ी गलती हो गई है। जैसे-तैसे आधे घंटे का समय बीता। एक बार फिर मोबाइल बजने लगा। इस कार प्रधानमंत्री का फोन था। हैलो करते ही उन्होंने कहा में मोदी बोल रहा हूं। आपको बधाई। कोरोना काल में वैक्सीनेशन में जो काम बागेश्वर जिले और आपने किया वह काबिलेतारीफ है।

मन की बात कार्यक्रम को सुनने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  ने एक अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया। उनके सक्षम नेतृत्व की वजह से ही ‘सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन’ अभियान सफल हुआ एवं देश 100 करोड़ वैक्सीनैशन डोज का पड़ाव पार कर चुका है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने बागेश्वर जिले की श्रीमती पूनम नौटियाल से फोन पर बात कर उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोविड वारियर्स की दिन रात की मेहनत से ही हम कोविड महामारी से बाहर निकल रहे हैं। परंतु हमें अभी भी सावधानी रखनी है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इसे साकार करना है। त्योहारों का सीजन चल रह है, इस दौरान हमें स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है। ‘वोकल फॉर लोकल’ का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों की आमदनी को बढ़ाना भी है।

हेल्थ केयर वर्कर पूनम नौटियाल से पीएम नरेंद्र मोदी की वार्ता प्रियांश

मैं आज ‘मन की बात’ के श्रोताओं को उत्तराखंड के बागेश्वर के एक ऐसी ही एक हेल्थ केयर वर्कर पूनम नौटियाल जी से मिलवाना चाहता हूँ। साथियो, ये बागेश्वर उत्तराखंड की उस धरती से है जिस उत्तराखंड ने शत-प्रतिशत पहला dose लगाने का काम पूरा कर दिया है। उत्तराखंड सरकार भी इसके लिए अभिनन्दन की अधिकारी है, क्योंकि, बहुत दुर्गम क्षेत्र है, कठिन क्षेत्र है। वैसे ही, हिमाचल ने भी ऐसी कठिनाइयों में शत-प्रतिशत dose का काम कर लिया है। मुझे बताया गया है कि पूनम जी ने अपने क्षेत्र के लोगों के vaccination के लिए दिन-रात मेहनत की है।
प्रधान मंत्री जी :- पूनम जी नमस्ते।
पूनम नौटियाल :- Sir प्रणाम।
प्रधानमंत्री जी :- पूनम जी अपने बारे में बताइए जरा देश के श्रोताओं
को
पूनम नौटियाल :- Sir मैं पूनम नौटियाल हूँ। Sir मैं उतराखंड के   बागेश्वर District में चानी कोराली सेंटर में कार्यरत हूँ Sir। मैं एक ANM हूँ sir।
प्रधानमंत्री जी :-  पूनम जी मेरा सौभाग्य है मुझे बागेश्वर आने का
अवसर मिला था वो एक प्रकार से तीर्थ क्षेत्र रहा है वहाँ पुरातन मंदिर वगैरह भी, मैं बहुत प्रभावित हुआ था सदियों पहले कैसे लोगों ने काम किया होगा।
पूनम नौटियाल :- हाँजी sir

प्रधानमंत्री जी :- पूनम जी क्या आपने अपने क्षेत्र के सभी लोगों का vaccination करवा लिया है।
पूनम नौटियाल :- हाँजी sir, सभी लोगों का हो चुका है
प्रधानमंत्री जी :- आप को किसी प्रकार की दिक्कत का भी सामना करना पड़ा है क्या ?
पूनम नौटियाल :- हाँजी Sir। Sir हम लोग जैसे बारिश होती थी वहां पे और road block हो जाती थी। Sir, नदी पार कर के गए हैं हम लोग न ! और Sir घर-घर गए हैं, जैसे NHCVC के अंतर्गत हम लोग घर-घर गए हैं। जो लोग centre में नहीं आ सकते थे, जैसे बुजुर्ग लोग और दिव्यांग लोग, गर्ववती महिलाएं, धात्री महिलाएं – ये लोग Sir।
प्रधानमंत्री जी :- लेकिन, वहाँ तो पहाड़ों पर घर भी बहुत दूर-दूर होते हैं।
पूनम नौटियाल :- जी।
प्रधानमंत्री जी :-  तो एक दिन में कितना कर पाते थे आप!
पूनम नौटियाल :- सर किलोमीटर का हिसाब – 10 किलोमीटर कभी 8 किलोमीटर।
प्रधानमंत्री जी :-  खैर, ये जो तराईं में रहने वाले लोग हैं उनको ये समझ नहीं आयेगा 8-10 किलोमीटर क्या होता है। मुझे मालूम है
के पहाड़ के 8-10 किलोमीटर मतलब पूरा दिन चला जाता है।
पूनम नौटियाल :- हाँजी
प्रधानमंत्री जी :-  लेकिन एक दिन में क्योंकि ये बड़ा मेहनत का काम है और vaccination का सारा सामान उठा कर के जाना। आपके साथ कोई सहायक रहते थे कि नहीं?
पूनम नौटियाल :- हाँजी, team member, हम पाँच लोग रहते Sir न !
प्रधानमंत्री जी :-  हां
पूनम नौटियाल :- तो उसमे डॉक्टर हो गए हो, फिर ANM हो गई, Pharmacist हो गए, ASHA हो गई, और Data Entry Operator हो गए।
प्रधानमंत्री जी :-  अच्छा वो data entry, वहाँ connectivity मिल जाती थी या फिर बागेश्वर आने के बाद करते थे ?
पूनम नौटियाल :- सर कहीं-कहीं मिल जाती, कहीं-कहीं बागेश्वर आने के बाद करते थे, हम लोग।
प्रधानमंत्री जी :-  अच्छा ! मुझे बताया गया है पूनम जी कि आपने out of the way जाकर लोगों का टीका लगवाया।ये क्या कल्पना आई, आपके मन में विचार कैसे आया और कैसे किया आप ने ?
पूनम नौटियाल :- हम लोगों ने, पूरी team ने, संकल्प लिया था कि हम लोग एक भी व्यक्ति छूटना नहीं चाहिए। हमारे देश से कोरोना बीमारी दूर भागनी चाहिए। मैंने और आशा ने मिलके प्रत्येक व्यक्ति की गाँव-wise Due List बनाई, फिर उसके हिसाब से जो लोग centre में आये उनको centre में लगाया। फिर हम लोग घर-घर गए हैं। Sir, फिर उसके बाद, छूटे हुए थे, जो लोग नहीं आ पाते centre में,
प्रधानमंत्री जी :-  अच्छा लोगों को समझाना पड़ता था ?
पूनम नौटियाल :- हाँजी, समझाया, हाँजी !
प्रधानमंत्री जी :-  लोगों का उत्साह है, अभी भी vaccine लेने का ?
पूनम नौटियाल :- हाँजी सर, हाँजी। अब तो लोग समझ गए हैं। First में बहुत दिक्कत हुई हम लोगों को। लोगों को समझाना पड़ता था, कि ये जो vaccine है सुरक्षित है, और असरदार है, हम लोग भी लगा चुके हैं, तो हम लोग तो ठीक है, आप के सामने हैं, और हमारे staff ने, सब ने, लगा लिया है, तो हम लोग ठीक हैं।
प्रधानमंत्री जी :-  कहीं पर vaccine लगने के बाद किसी की शिकायत आई। बाद में
पूनम नौटियाल :- नहीं-नहीं sir। ऐसा तो नहीं हुआ
प्रधानमंत्री जी :-  कुछ नहीं हुआ
पूनम नौटियाल :- जी।
प्रधानमंत्री जी :-  सब को संतोष था
पूनम नौटियाल :- हाँजी।
प्रधानमंत्री जी :-  कि ठीक हो गया
पूनम नौटियाल :- हाँजी।
प्रधानमंत्री जी :-  चलिए, आपने बहुत बड़ा काम किया है और मैं जानता हूँ, ये पूरा क्षेत्र, कितना कठिन है  और पैदल चलना पहाड़ों पे। एक पहाड़ पे जाओ, फिर नीचे उतरो, फिर दूसरे पहाड़ पे जाओ, घर भी दूर-दूर उसके बावजूद भी, आपने, इतना बढ़िया काम किया
पूनम नौटियाल :- धन्यवाद sir, मेरा सौभाग्य आप से बात हुई मेरी।

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