हरिद्वार। हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या अपने पन्द्रह दिवसीय यूरोप प्रवास के दौरान लंदन में हैं। वैश्विक मंच पर ‘वन यंग वर्ल्ड’ नामक संस्थान द्वारा 190 देशों से चयनित दो हजार से अधिक युवाओं का एक विशेष सम्मेलन रायल अल्बर्ट हॉल लंदन में आयोजित हुआ। विभिन्न कला, विज्ञान आदि क्षेत्रों के इन युवाओं को भारतीय संस्कृति की मूलभूत अवधारणाओं को अवगत कराने के उद्देश्य से भारत का प्रतिनिधित्व करने हेतु देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या पहुचे हैं।
युवाओं को संबोधित करते हुए देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने युग निर्माण आंदोलन के संस्थापक पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी के सूत्र ‘मानव मात्र एक समान’ विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी कोने में हमारा जन्म हुआ हो, पर हम सब ईश्वर, अल्लाह के ही पुत्र हैं। उन्होंने हमें इस दुनिया में कुछ विशेष कार्य के लिए भेजा है। हमारा पावन कर्त्तव्य है कि संकीर्णता से ऊपर उठकर समाज, राष्ट्र और विश्व में मंडरा रहे समस्याओं के निदान के लिए कार्य करें। पूज्य आचार्यश्री द्वारा प्रतिपादित विचार क्रांति अभियान के प्रारूप को प्रस्तुत करते हुए प्रतिकुलपति ने कहा कि मानवता पर अनेक संकट मंडरा रहे हैं। ऐसे समय में युवाओं को आगे बढ़कर इन समस्याओं के लिए कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित हो रहे विभिन्न सुधारात्मक, रचनात्मक कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम की भावना की विस्तृत व्याख्या के साथ भारत की विलक्षणता और विशेषता को समझने हेतु शांतिकुंज, हरिद्वार आने का आमंत्रण दिया। जिसे सभी ने एकमत से स्वीकार किया। इस कार्यक्रम में ग्रेट ब्रिटेन के प्रधान पादरी निकिटस, वेस्टमिंस्टर के प्रधान पादरी कार्डिनल विन्स निकोलस, कामनवेल्थ के संयुक्त यहूदी संघ के प्रमुख रबी मान. एफ्राइम मिरविस, नाइजीरिया के चर्च के प्रधान पादरी डॉ० जेआई फिरोन, इमाम खोइए इस्लामिक केन्द्र के प्रमुख इमाम ए.एस.एफ हुसैन और अजीम हाफिज आदि उपस्थित रहे। वहीं मुख्य अतिथियों के रूप में यॉर्क की रानी मेघल मर्केल, यूके के प्रधानमंत्री व लन्दन के मेयर भी उपस्थित रहे।