देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर में सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने थॉट्स के ट्रैफिक कंट्रोल के ऊपर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शहर में यदि एक घंटे के लिये भी सभी सिग्नल बंद हो जायें, तो कैसी स्थिति हो जाये। क्योंकि ट्रैफिक को बीच-बीच में स्टॉप नहीं किया।
ऐसे ही मन में थॉट्स के ट्रैफिक को बीच-बीच में स्टॉप नहीं करते तो क्या हाल हो जाता है? सारी थॉट्स चारों ओर से, ऑफिस, घर, संबंध-संपर्क, समाज-दुनिया, आदि के बारे में मन में आ रही है, तो क्या होता? जाम, भारीपन, बोझ, सिरदर्द, तनाव। तो क्या करना होगा? थोड़ी- थोड़ी देर के बाद सिग्नल। स्टॉप रेड, स्टॉप येल्लो, चेक करो। जो थॉट्स आ रहे हैं, उनकी परमिट है? जिन थॉट्स की परमिट है, उनकी लेन, स्पीड, लोड ठीक है? थॉट्स की परमिट नहीं है या उनकी क्वालिटी ठीक नहीं है, तो चेंज करो, ग्रीन! कौन से व्यर्थ विचार हैं, उनको बाहर करो। कौन से विचार आवश्यक हैं, उन्हें अंदर लो। उनकी दिशा, गति और समर्थता को नियंत्रित करो। लेकिन यह अभ्यास दिन में बार-बार लगातार करना होगा। तब थॉट्स की ट्रैफिक मन में कंट्रोल रहेगी। मन की दशा ठीक रहेगी। मन हल्का, शांत और प्रसन्न रहेगा। इस अभ्यास में राजयोग मेडिटेशन बहुत मदद करता है। स्वयं को आत्मा समझें यानि मन रूपी शहर के थॉट्स की ट्रैफिक की ट्रैफिक- कंट्रोलर। आत्मा ट्रैफिक- कंट्रोलर को परमात्मा से ट्रैफिक रूल्स और पॉवर मिलती है। खास पॉवर तब मिलती है जब आत्मा, परमात्मा से संपर्क में रहती है, और उस संपर्क को बीच-बीच में चेक कर के पुनः जोड़ती रहती है। कंट्रोलर जब जानकार और पॉवरफुल होगा तो मन की थॉट्स की ट्रैफिक स्मूथ भी चलेगी और दुख-तनावभरा एक्सीडेंट भी नहीं होगा।