बदरीनाथ। विश्व प्रसिद्ध भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को ब्रह्म मुहुर्त में 4 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि विधान से पूजा अर्चना और अनुष्ठान के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कपाटोद्धघाटन में कोविड नियमों का पालन करते हुए पूर्ण सावधानियां बरतते हुए सीमित संख्या में रावल, पुरोहितों व मंदिर के सीमित पदाधिकारी मौजूद रहे।
श्री बदरीनाथ धाम के रावल (मुख्य पुजारी) श्री ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी श्री भुवन चंद उनियाल की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे। कोरोना महामारी के कारण अस्थायी तौर पर चार धाम यात्रा स्थगित है।
बदरीनाथ धाम के सिंहद्वार व अन्य देवालयों को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर के हक-हकूकघारियों के साथ ही धर्माधिकारी, आचार्य ब्राह्मणों को ही धाम में जाने की अनुमति दी गई। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चार धाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। ऐसे में मैं सभी से प्रार्थना करता हूं लोग घर में रहकर ही पूजा करें।
सोमवार सुबह नौ बजे योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ कुबेर व उद्धव जी की उत्सव डोली और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई और पूर्वाह्न 11 बजे धाम पहुंची थी।