1 Jul 2025, Tue

प्रदेश के विकास में प्रशासन की प्रभावी सर्विस डिलीवरी बहुत ही जरूरी

देहरादून। आईएएस वीक के अन्तर्गत मंगलवार को विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा ईज ऑफ गवर्नेंस के क्षेत्र में राज्य की विभिन्न पहलों एवं योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। सर्वप्रथम अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई-गवर्नेंस से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विकास में प्रशासन की प्रभावी सर्विस डिलीवरी बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक आईएएस अधिकारी को आम जनता के लिए सुलभ होना बहुत जरूरी है। आम नागरिक की गरिमा और सम्मान का भी ध्यान रखना होगा। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए जिला स्तर में भी ई-ऑफिस की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ई सर्विसेज में और सेवाओं को जोड़कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाना चाहती है।
सचिव सूचना प्रोद्योगिकी आरके सुधांशु ने ई गवर्नेंस में आईटी इनिशिएटिव पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश में सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत सी पहल की गई हैं। डिजिटल इंडिया के अनुरूप ही राज्य, डिजिटल उत्तराखण्ड की ओर बढ़ रहा है। राज्य में स्टेट डाटा सेंटर, ड्रॉन एप्लीकेशन सेंटर, ई-डिस्ट्रिक्ट जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों से आधार किट के शीघ्र एक्टीवेशन की बात कही। उन्होंने फेसलैस, कैशलैस एवं पेपरलैस की ओर बढ़ने पर विशेष बल दिया। सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने सीएम डैशबोर्ड एवं सीएसआर पोर्टल की जानकारी देते हुए बताया कि हमें प्रोफेशनल होने की आवश्यकता है। इसके लिए सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से आउटकम बेस्ड मॉनिटरिंग करने की जा रही है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन, पारदर्शिता और सर्विस डिलीवरी में काफी सुधार हुआ है। सचिव श्रीमती झा ने कहा कि जनपदों में विभिन्न कार्यों हेतु सीएसआर फंड्स की आवश्यकता होती है। इसमें शासन और सीएसआर की सहायता के लिए सहयोग पोर्टल की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में किसी भी योजना हेतु सीएसआर फंड्स की आवश्यकता होती है। कॉरपोरेट एवं सरकार के मध्य गैप को कम करने हेतु तैयार इस पोर्टल के माध्यम से विभागाध्यक्ष अपने ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिन्हें वे अपने संसाधनों से नहीं कर पा रहे हैं, को प्राथमिकता के आधार पर अपलोड करेंगे। इससे कॉरपोरेट जगत को ऐसे प्रोजेक्ट्स या क्षेत्रों की जानकारी मिल जाएगी जिन क्षेत्रों में उनका सहयोग अपेक्षित है। सचिव श्रीमती झा ने बताया कि पोर्टल में कॉरपोरेट को सेक्टर और जनपद चयन करने का भी विकल्प होगा। इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग भी सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लगातार की जाएगी।
सचिव गृह नितेश कुमार झा ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने अपने जिलों में आने कुम्भ 2021 के लिए तैयारियां सुनिश्चित करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को जेलों में लगातार निरीक्षण की बात भी कही। साथ ही महिला कैदियों को मिलने वाली मेडिकल और लीगल एड की भी समीक्षा करने की बात कही। दिवस के द्वितीय सत्र में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने राज्य में उद्योग और एमएसएमई के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में प्रदेश में काफी कार्य हुए है। राइट टु सर्विस एक्ट और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के माध्यम से प्रदेश में उद्योग बढ़ावा दिया जा रहा है। सिंगल विंडो में जनपद स्तर पर विशेष मेहनत किए जाने की आवश्यकता है। सचिव राजस्व सुशील कुमार ने कहा कि प्रदेश में राजस्व के क्षेत्र में अपने सिस्टम को फुल्ली आटोमेटेड हो रहा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भूमि लीज पर दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि म्यूटेशन के क्षेत्र में पेंडिंग केसों का तेजी से निपटान करने हेतु जिलाधिकारियों को इसमें विशेष ध्यान देना होगा। लैंड रिकॉर्ड डिजिटाईजेशन में भी तेजी लाने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी उधमसिंहनगर नीरज खैरवाल ने बताया कि वे सिंगल विंडो एवं जन सुनवाई के मामलों को औसतन 3 से 4 दिन में निपटा रहे हैं। उनके द्वारा पेंडिंग मामलों से संबंधित अधिकारियों से लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। उन्होंने अधिकारियों से एनओसी को भी सिंगल विंडो सिस्टम में शामिल करते हुए समयबद्ध तरीके से निपटान हेतु सिस्टम तैयार किया जाए। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने कहा कि परिवहन से सम्बन्धित 22 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। इससे ऑनलाइन लेनदेन में वृद्धि हुई है। जिलाधिकारी चमोली स्वाति भदौरिया ने जनपद में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बचपन प्रोजेक्ट के अन्तर्गत झूले व खिलौने उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 32 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में रेनोवेट किया गया है। कॉम्पटेटिव एग्जाम के लिए कोचिंग कराई जा रही है। नदियों के पुनर्जीविकरण, सन्डे मार्केट का आयोजन, सोलर पम्प, ओपन जिम आदि जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रतिभागी अधिकारियों को कन्डाली से बने जैकेट प्रदान किए। ये जैकेट चमोली के स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए हैं।

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