केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी को किया सम्बोधित
रुड़की। केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने रुड़की में प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि नेहरू को कश्मीर को एक करने का जिम्मा मिला था और आज जो विवाद कश्मीर में है उसके जिम्मेदार नेहरू हैं। उन्होंने कहा नेहरू की गलतियों को देश भुगत रहा है।
रुड़की के कन्हिया बैंकट हॉल में आयोजित गोष्ठी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के कहने पर दो निशान, दो प्रधान दो संविधान की बात मान ली। इसके कारण आज कश्मीर के ऐसे हालात हैं।उन्होंने कहा श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इसके लिए लड़ाई की शुरुआत की और जनसंघ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि 1991 में भाजपा नेता जब कश्मीर में झंडा फहराने जा रहे थे तो हमे गिरफ्तार कर लिया गया था। भारत के लोगों को भारत मे झंडा फहराने का अधिकार नही था। उन्होंने कहा पहली लड़ाई आजादी की लड़ाई थी और अब की लड़ाई अधूरी आजादी की लड़ाई है। और यह लड़ाई जब तक पूरी नही होगी जब तक पीओके हमारा नही होगा। जब तक यह नही होगा तब तक देश की एकता अखंडता पूरी नही हो सकती। उन्होंने कहा आने वाले समय मे कश्मीर हमारा होगा। उन्होंने कहा कि 370 और 35 ए हटाना अभी ट्रेलर है फिल्म पीओके में जाकर दिखेगी। उन्होंने कहा कश्मीरियत भारत के हाथों में सुरक्षित है। उन्होंने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर की नेत्री कहती थी आग से मत खेलो, एक नेता कहता था पाकिस्तान से वार्ता करों आज वह नेता कहां है। उन्होंने कहा कि हमने कहा था गड़बड़ी मत फैलाओ कमरे में बन्द होकर पूजा पाठ करो। गिरिराज सिंह ने कहा पाकिस्तान कांग्रेस की भाषा बोलता है और कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोलती है टुकड़े टुकड़े गैंग देश का माहौल खराब कर रहा है। उन्होंने कहा जिस दिन पाकिस्तान ने भूल की वह भस्मासुर बना दिया जाएगा। गिरिराज ने केंद्र सरकार के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि जो 70 साल में नही हुआ वह छह साल में हुआ। उन्होंने कहा कि आज विश्व के बड़े नेता और देश प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि मुगलों के शासन, टीपू सुल्तान, बाबर सबने देश को लूटा और उस समय देश के लोग आपस मे मे बंटे रहे। खिलजियों के शासन के दौरान धन के साथ संस्कृति को भी लूटा गया। पहले शासन और धन हड़पने का लालच था अब वोट और सत्ता पाने का लालच लोगों में हैं। आजादी से पहले मुगलों से संधि किया और आजादी के बाद वोट के कारण एक समुदाय के लोगों से समझौता किया। जब आजादी का जश्न मनाया जा रहा था उस समय जिन्ना के सोच के जैसे लोग देश के टुकड़े टुकड़े कर रहे थे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी यतिंदरानन्द, विधायक प्रदीप बत्रा, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर,आदेश चैहान, पूर्व विधायक चंद्रशेखर पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन, राजपाल सिंह, अश्वनी कौशिक, कल्पना सैनी,अमन त्यागी, मयंक गुप्ता, सुबोध राकेश,प्रदीप चैधरी, मनोज गर्ग,विकास तिवारी, ऋषि पाल बालियान, गौरव गोयल, अजय सिंघल, संजय अरोड़ा, सागर गोयल,अजय सैनी, शोभाराम प्रजापति,अभषेक चंद्रा,सतीश कौशिक,नवीन जैन, ललित मोहन अग्रवाल, सौरभ गोयल,सतवीर सिंह,राजेश सैनी, रीमा बंसल,रीना अग्रवाल,सुशील त्यागी, आदेश सैनी,गौरव त्यागी, डॉ.वल्लभ,जय भगवानदास सैनी, हेमा चैधरी, राहुल कश्यप,अनूप राणा,शक्ति राणा, सतीश कौशिक, गौरव कौशिक आदि लोग शामिल रहे।